ग्रीष्मा वेकारिया हत्या मामला आज पुरे देश में प्रचलति है। इस मामले ने सूरत समेत देश में सभी को हिला कर रख दिया है। वहीं सूरत में अब इस मामले के प्रति जागरूकता फ़ैलाने हेतू नाटक का आयोजन किया गया हैं। इस घटना के बाद भी लोगों के मन में कई सवाल थे कि आखिर ये घटना हुई कैसे? आखिर ऐसा क्यों हुआ? क्या कोई उसे रोक सकता था? क्या सार्वजनिक रूप से मारे गए ग्रिश्मा को बचाया जा सकता था, या फेनिल, जिसने उसे मार डाला था, को राजी किया जा सकता था? ऐसे कई सवाल आज भी लोगों के मन में उठ रहे है।
उस समय लोगों के मन में उठ रहे ऐसे ही सवालों को सूरत के नाटककारों ने अलग अंदाज में पेश किया है. और उन्होंने ग्रिश्मा नरसंहार के संदर्भ में एक नाटक “स्टॉप” बनाया है। नाटक “स्टॉप” के माध्यम से नाटक के निर्देशक और कलाकारों ने लोगों के दिमाग तक पहुंचने की कोशिश की है।

ग्रिश्मा हत्याकांड का वीडियो देखने के बाद निर्देशक परेश वोरा के मन में यह विचार आया कि यह घटना क्यों हुई। समाज में शायद अभी भी ग्रीष्मा जैसे लड़कियाँ है और कई फेनिल खुले आम घूम रहे है। उन्होंने समाज को जगाने और समाज को संदेश देने के विचार से इस नाटक को करने का फैसला किया। इस विषय पर सिर्फ नाटक करने और नाटक लिखने की सोच ही इसका अंत नहीं है। लोगों तक पहुंचने के लिए नाटक को अच्छे से चलाना पड़ता है और इसे निभाने के लिए अभिनेताओं की भी जरूरत होती है, तभी यह लोगों तक पहुंच सकता है।
नाटक में फेनिल और ग्रिश्मा की मुख्य भूमिका निभाने वाले अभिनेता के बारे में निर्देशक भी आशंकित थे लेकिन अभिनेता वह है जो प्रत्येक चरित्र को अच्छी तरह से निभाना जानता है, फिर अच्छा या बुरा। इस नाटक में फेनिल के चरित्र को नकारात्मक कहा जा सकता है लेकिन उसे एक अभिनेता के रूप में निभाना होगा। फेनिल और ग्रिश्मा की भूमिकाएँ निभाने वाले अभिनेताओं को भी इस बात पर गर्व था कि वे समाज में लोगों को एक अच्छा संदेश देने का माध्यम बन रहे हैं।