सूरत डायमंड सिटी की सिद्धियां बढ़ती ही जा रही है। इन्ही सिद्धियों में एक और सिद्धि जुड़ गई है, भारत की पहली स्टील फिनिश्ड सड़क भी यहीं बनाई गई है। इसका परीक्षण शहर के एक औद्योगिक क्षेत्र में किया गया है। यह इस्पात मंत्रालय और नीति आयोग द्वारा निर्देशित CSRI द्वारा स्पॉन्सर्ड है। सड़क के निर्माण में 100% प्रोसेस स्टील एग्रीगेट और 100% सुब्स्टीट्यूट नेचुरल एग्रीगेट का उपयोग किया जाता है।
शहर के हजीरा औद्योगिक क्षेत्र में इस सड़क का परीक्षण किया गया है, जहां रोजाना 1,200 से अधिक भारी ट्रक गुजरते हैं। CSRI ने सड़क के निर्माण में 100% प्रोसेस स्टील एग्रीगेट और 100% सुब्स्टीट्यूट नेचुरल एग्रीगेट का उपयोग किया है। आने वाले वर्षों में देश की सड़कों को मजबूत करने के लिए सरकार इसी तकनीक का इस्तेमाल करेगी।

सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट (CSRI ) के प्रधान वैज्ञानिक सतीश पांडे ने कहा, “यह एक रिसर्च प्रोजेक्ट है।” यह इस्पात मंत्रालय और नीति आयोग द्वारा निर्देशित CSRI द्वारा प्रायोजित है। जिसके तहत हम स्टील को रोड एग्रीगेट के तौर पर इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहे हैं।
इस सड़क निर्माण में प्रोसेस्ड इलेक्ट्रिक आर्क फर्नेस स्टील का सफलतापूर्वक उपयोग किया गया है। यह 1.2 किमी लंबी, 6 लेन विभाजित कैरिजवे रोड है। इस सड़क के निर्माण में हमने 100% प्रोसेस स्टील एग्रीगेट और 100% सब्स्टीट्यूट नेचुरल एग्रीगेट का इस्तेमाल किया है। यह परियोजना भारत सरकार के वेस्ट टू वेल्थ और स्वच्छ भारत अभियान का हिस्सा है। देश में सालाना लगभग 90 मिलियन टन स्टील स्लैग उत्पन्न होता है और इसके सुरक्षित निपटान के लिए एक स्टील इंडस्ट्रीकंशन है।
सड़क को लेकर उन्होंने कहा कि सूरत में तैयार की गई सड़क की मोटाई 30 फीसदी कम हो गई है. तो यह मजबूत और गुणवत्तापूर्ण है। पिछले एक साल से अधिक समय से यातायात भारी है और इसमें कुछ भी गलत नहीं है। 20 से 22 टन के भारी वाहन गुजरने के बाद भी यह मजबूत है।