पंजाब के चरणजीत सिंह चन्नी ने पहले दलित मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण कर ली है। पंजाब कांग्रेस में अभी अंदरूनी विवाद ख़तम नहीं हुआ है और पंजाब के नए मुख्यमंत्री पर आरोपों का सिलसिला शुरू हो गया है। महिला आयोग काखेनहै की उन्हें उनके पद से हटा देना चाहिए। बता दे के उन पर एक मीतू का केस भी चल रहा था , जिसे रिसॉल्व भी कर दिया गया था।
Today, he has been made Punjab CM by a party that is headed by a woman. It is betrayal. He is a threat to women safety. An enquiry should be conducted against him. He is not worthy to be CM. I urge Sonia Gandhi to remove him from the CM post: NCW Chairperson Rekha Sharma (1/2) pic.twitter.com/56kjw4XG7F
— ANI (@ANI) September 20, 2021
आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पर 2018 के MeToo मूवमेंट के दौरान गंभीर आरोप लगे थे. राज्य महिला आयोग ने तब उन्हें नोटिस भी जारी किया था, यहां तक उनकी बर्खास्तगी के लिए धरना तक दिया था. लेकिन इस मामले में पंजाब सरकार ने तब कोई कदम नहीं उठाया था.
रेखा शर्मा ने कहा कि जिस पार्टी (कांग्रेस) की अध्यक्ष एक महिला है आज उसी ने चरणजीत सिंह को पंजाब का मुख्यमंत्री बना दिया. उन्होंने कहा कि महिला सुरक्षा के लिए यह बहुत खतरे वाली बात है और उनके खिलाफ जांच होनी चाहिए क्योंकि वह मुख्यमंत्री बनने के काबिल नहीं हैं. रेखा शर्मा ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से चरणजीत को सीएम पद से हटाने की मांग की है.