सूरत के ओलपाड तालुका के कई गांवों के किसानों ने गोथाण रेलवे जंक्शन और हजीरा को जोड़ने वाली 40 किलोमीटर की माल रेलवे लाइन के लिए भूमि अधिग्रहण की अधिसूचना का विरोध किया है। किसानो का कहना है कि हजीरा से गोथाण के लिए एक रेलवे लाइन मौजूद होने के बावजूद दूसरी के लिए किसानो को जमीन अधिग्रहण की अधिसूचना क्यों जारी की जा रही है ?
इस संबंध में बुधवार को जहांगीरपुरा में गुजरात खेडूत समाज (GKS) के तत्वावधान में एक बैठक आयोजित की गई। गोथाण और हजीरा के बीच नई माल रेलवे लाइन का विरोध करने के लिए किसानों ने धरना-प्रदर्शन करने का फैसला किया है. हाल ही में, सूरत जिला कलेक्टर ने ओलपाड तालुका में 275 ब्लॉक संख्या के 85 हेक्टेयर भूमि के लिए 14 गांवों में भूमि अधिग्रहण के लिए एक अधिसूचना जारी की थी। नई रेलवे लाइन का उद्देश्य हजीरा में उद्योगों को बढ़ावा देना है।

वर्तमान में, हजीरा में कृभको से गोथाण तक एक सिंगल ब्रॉड गेज ट्रैक चालू है। हालांकि, हजीरा के विशाल उद्योगों ने अपने इकाइयों में निर्मित माल के गोथाण रेलवे जंक्शन से अहमदाबाद और मुंबई की ओर स्मूथ ट्रांसपोर्टेशन के लिए दूसरे ट्रैक की मांग की है।

गुजरात किसान समाज के प्रमुख जयेश पटेल ने बताया कि, हजीरा में अब कोई नया इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट होना मुमकिन नहीं है। क्यूंकि 2008 में सेंटर ऑफ़ एनवारोमेंट प्लानिंग एंड टेक्नोलॉजी के रिपोर्ट में ये साफ कर दिया गया था अब इस विस्तार में कोई भी इंडस्ट्रियल प्लानिंग करना मुमकिन नहीं है। इसके बावजूद हजीरा से गोथाण के लिए नए रेलवे लाइन बनाने की बात की जा रही है जिसका हम विरोध करते है।

वहीं दक्षिण गुजरात किसान समाज के प्रमुख रमेश पटेल का कहना है की बार बार जमीन संपादन की कार्यवाही से किसान परेशान हो चुके है। इस बार जान देंगे जमीन नहीं इस विचार के साथ इस डबल रेलवे लाइन के खिलाफ प्रदर्शन होगा। हजीरा से गोथाण के बीच नए रेल लाइन के किसान जमीन देने को तैयार नहीं है।
सहकारी क्षेत्र के नेता दर्शन नायक ने बताया, “हजीरा और गोथाण के बीच दूसरा माल रेलवे ट्रैक बिछाने के लिए किसानों को अपनी लगभग 85 हेक्टेयर कृषि भूमि का नुकसान होगा। किसान अपनी जमीन देने को तैयार नहीं हैं और वे राज्य सरकार के इस कदम का विरोध कर रहे हैं। GKS किसानों का समर्थन कर रहा है और हम सरकार को गरीब किसानों की जमीन पर कब्जा नहीं करने देंगे।