गंगूबाई काठियावाड़ी रिलीज़ से पूर्व ही विवादों में घिर चुकी है। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुँच चूका है। जिसके बाद अब फिल्म के निर्माताओं के लिए अच्छी खबर सामने आ रही है। प्रीम कोर्ट ने फिल्म के खिलाफ याचिका खारिज कर दी है. दो दिन चली बहस के बाद जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस जेके माहेश्वरी की पीठ ने फिल्म गंगूबाई काठियावाड़ी की रिलीज को हरी झंडी दी. पीठ ने खुद को गंगूबाई का दत्तक पुत्र बताने वाले याचिकाकर्ता बाबूजी राव जी शाह की याचिका खारिज कर दी.पीठ ने कहा कि शाह खुद को गंगूबाई का दत्तक पुत्र साबित करने में विफल रहा है.इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा. हाईकोर्ट ने कहा था कि बाबूजी रावजी शाह यह साबित नहीं कर सका कि वह दत्तक पुत्र है.

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर सवाल उठाए. जस्टिस जेके माहेश्वरी ने कहा, ‘आपकी दलील का मुख्य आधार ये दावा है कि आप गंगूबाई काठियावाड़ी के दत्तक पुत्र हैं.’ इस पर जस्टिस इंदिरा बनर्जी ने कहा कि आपको बताना होगा कि किस विधि से आपको उन्होंने पुत्र के तौर पर दत्तक बनाते हुए गोद लिया था? आपने अब तक कहीं पर भी इसकी कोई जानकारी नहीं दी है कि आपको ये अधिकार कैसे मिला?
बता दें कि कोर्ट में इससे पहले, सुनवाई के दौरान भंसाली प्रोडक्शंस ने कहा कि ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ फिल्म का नाम बदलना संभव नहीं है. यह व्यावहारिक रूप से संभव नहीं. हमें सेंसर सर्टिफिकेट मिल चुका है.नाम पहले ही प्रकाशित हो चुका है. पूरे देश में इसका विज्ञापन हो चुका है.गंगूबाई की मौत 40 साल पहले हो चुकी है.मौत के बाद मानहानि का अधिकार खत्म हो जाता है