हजीरा में आर्सेलर मित्तल निप्पॉन स्टील (AM/NS) स्टील प्लांट एक और विवाद के बीच घिर गया है। दरअसल पर्यावरण मंजूरी के लिए जनसुनवाई 4 मार्च, 2022 को निर्धारित है, निवासी और पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने सार्वजनिक सुनवाई को रद्द करने की मांग की है क्योंकि स्थल आरक्षित वन क्षेत्र के अंतर्गत आता है और एएम/एनएस ने विवादित जमीन पर एक डोम बनाया है।
हजीरा कांठा विस्तार औद्योगिक प्रबंधन निरावण समिति और हजीरा के निवासियों ने सूरत के जिला कलेक्टर और सदस्य सचिव, गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (GPCB) को पत्र लिखकर अवैध रूप से AM/NS द्वारा कब्जा की गई आरक्षित वन भूमि पर पर्यावरण मंजूरी के लिए जन सुनवाई रद्द करने की मांग की है।

स्थानीय निवासियों ने ये इल्जाम लगाया है की इंडस्ट्री से पहले से ही जहरीले गैस, और जहरीले पदार्थ ज़मीन पर फेंकने से कई बीमारियां फैलती है। साथ इनकी वजह से जल, वायु और ज़मीन प्रदुषण भी होता है। इंडस्ट्री से छोड़ा गया जहरीले पदार्थ पानी में और हवा में मिलकर कैंसर जैसी कई बीमारिया फैलाती है।
हजीरा कांठा विस्तार उद्योग प्रबंधन निरावण समिति के संयोजक दीपक पटेल ने एक शिकायत में कहा, “यदि पर्यावरण मंजूरी के लिए जनसुनवाई उसी स्थान पर हो रही है तो यह वन संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन होगा। इस वन क्षेत्र में किसी भी अन्य गतिविधि को कानूनी रूप से अनुमति और निषिद्ध नहीं है। हमने वर्तमान स्थान से तत्काल स्थल परिवर्तन की मांग की है। साथ ही पटेल ने कहा, “AM/NS प्रबंधन विवादित वन भूमि पर एक विशाल डोम का निर्माण कर रहा है। वन क्षेत्र में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की स्थिति में वन संरक्षण अधिनियम के उल्लंघन के लिए सीधे तौर पर GPCB के सदस्य सचिव और सूरत के जिला कलेक्टर को जिम्मेदार ठहराया जाएगा।”