सूरत के पांडेसरा में तीन साल पहले मां-बेटी दोहरे हत्याकांड के मामले में अदालत ने आज दोनों मुख्य आरोपियों को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई। मुख्य आरोपी हर्षसहाय गुर्जर को फांसी और सह आरोपी हरिओम गुर्जर को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। सरकारी पक्ष ने विशेष पब्लिक प्रोसिक्यूटर पीएन की ओर से दलील दी।
पूरे मामले में पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ सबूत जुटाने में काफी मशक्कत की। शुरू में उन्हें नहीं पता था कि वे दोनों मां और बेटियां हैं। दोनों शवों को अलग-अलग जगहों पर फेंक दिया गया। बाद में डीएनए टेस्ट के बाद इसकी पुष्टि हुई। आरोपियों ने किशोरी के साथ दुष्कर्म भी किया और बेटी के सामने मां की हत्या कर उसकी चाकू मारकर हत्या कर दी।

पब्लिक प्रोसिक्यूटर पी. एन. परमार ने कहा, ‘यह बहुत ही घिनौना मामला था। बच्ची और उसकी मां की बेरहमी से पीट-पीट कर हत्या कर दी गई. बच्चे और मां के डीएनए की पहचान की गई। सीसीटीवी समेत आरोपियों के साथ काम करने वाले कारीगर अहम सबूत साबित हुए। लड़की की आंखों के सामने मां की हत्या कर दी गई। बच्ची की मृत तस्वीर में भी खौफ देखा जा सकता है. 10 दिन बाद मृत बच्ची की मां की आंखों से भी आंसू सुख गए हो ऐसा पता चला था। अदालत ने पीड़ित परिवार को साढ़े सात लाख रुपये मुआवजा देने का भी आदेश दिया।
मामले के विवरण के अनुसार, 6 अप्रैल, 2018 को भेस्तान साईं फकीर क्रिकेट ग्राउंड के पास एक 11 वर्षीय लड़की का शव मिला था। जिसके बाद पुलिस ने जकाँछ कि और पता चला कि उसे साथ दुह्कर्म भी किया गया है। इसी बीच छह दिन बाद सचिन-मगदल्ला हाईवे पर एक महिला का शव मिला, जिसकी गला दबाकर हत्या की गई थी. फिर बाद में डीएनए कि मदद से ये जानकारी मिली कि दोनों माँ बेटी है।