महंगाई का असर अब सूरत कपड़ा बाजार पर भी दिखने लगा है। प्रोसेस हॉउस द्वारा प्रति मीटर 1 रूपए की वृद्धि के बाद अब ट्रांसपोर्ट में भी 15 से 20 फीसदी वृद्धि की जानी है। जिससे कपड़ा व्यापारियों पर बोझ बढ़ता नजर आ रहा है। शादी और रमजान के माहौल से कपड़ा बाजार में रौनक लौटी तो है पर महंगाई ने फिर ट्रेडर्स पर बोझ डाल दिया है ऐसा उद्योगकारों का कहना है ।

रमजान और शादी के माहौल के कारण सूरत कपड़ा बाजार में रौनक लौटी है। नॉर्थ से आ रहे अच्छी डिमांड के कारण व्यापारियों का काम बढ़ा है। पर इस तेज़ी के माहौल को महंगाई ने ग्रहण लगा दिया है ऐसा महसूस हो रहा है। हाल ही में प्रोसेस चार्ज में 1 अप्रैल से 1 रूपए प्रति मीटर की वृद्धि करने का निणर्य प्रोसेस हाउस ने लिया है। जिसका ट्रेडर्स ने कड़ा विरोध भी किया है।
वहीं दूसरी तरफ डीजल के भाव बढ़ने से और ट्रांसपोर्ट में समस्याएँ आने से ट्रंसपोर्ट एसोसिएशन ने 15 से 20 फीसदी ट्रांसपोर्ट चार्ज बढ़ाने का निर्णय लिया है। जिसके बाद अब सारा बोझ ट्रेडर्स पर आ गिरा है। अंततः कपडा महंगा होने की सम्भावना आ सकती है ऐसा सवाल पैदा होता है।

इसी बारे में बताते हुए साउथ गुजरात टेक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन (SGTTA) के अध्यक्ष सुनील जैन ने कहा कि भाव व्रुद्धि से पूरा बोझ ट्रेडर्स पर आने वाला है। इससे प्रोडक्ट बनाने की कॉस्टिंग बढ़ जाती है और अंत में प्रोडक्ट का भी दाम बढ़ जाता है। पर हम प्रोडक्ट का दाम तुरंत नहीं बढ़ा सकते और जब बढ़ाने का विचार करते है तब तक मार्केट डाउन हो जाता है जिससे सेलिंग का प्रोसेस बिगड़ जाता है। जिस कारण ट्रेडर्स इस मामले में बैक फुट पर होता है।