शहर में मोबील फूड कोर्ट शुरू करने के लिए अब नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग की मंजूरी लेनी होगी। इसको लेकर नगर पालिका ने नीतिगत नियम बनाए हैं। इस हेतु मंजूरी के लिए एक प्रस्ताव स्थायी समिति को भेजा गया है। तिपहिया और चौपहिया वाहनों में मोबाइल फूड कोर्ट शुरू करने के लिए लाइसेंस शुल्क के रूप में क्रमश: 10,000 रुपये और 15,000 रुपये सालाना देने होंगे। नगर पालिका द्वारा दो बार निर्धारित नियमों का उल्लंघन करने पर 500 रुपये से लेकर 5,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया गया है। तीसरी बार नियम का उल्लंघन करने पर परमिट रद्द कर दिया जाएगा। इतना ही नहीं सार्वजनिक सड़कों पर मेज और कुर्सियों की व्यवस्था नहीं की जा सकती है।

फायर एनओसी भी लेनी होगी। शाम छह बजे से रात 11 बजे तक ही अनुमति मिलेगी। अधिक समय के लिए विशेष स्वीकृति की आवश्यकता होगी। वर्तमान में, शहर में 800 से अधिक फूड कोर्ट हैं, जिससे नगरपालिका को 1 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान है। मोबाइल फूड कोर्ट के लिए सबसे पहले नगर पालिका के खाद्य विभाग का एफएसएसएआई एफिलिएटेड रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी है। निजी संपत्ति में शुरू करने के लिए, संपत्ति के मालिक से लिखित और जमा करने की अनुमति लेनी होगी।
फूड कोर्ट बिक्री स्थल पर किसी भी व्यक्ति, संस्था के पानी, सीवर या बिजली का उपयोग नहीं किया जा सकता है। इतना ही नहीं, फूड कोर्ट पर नगर पालिका द्वारा तय किए गए कलर कोड को अनिवार्य करना होगा। वाहन को आरटीओ में पंजीकृत होना चाहिए और साथ ही ड्राइविंग लाइसेंस भी जारी होना चाहिए। जिनके पास कमर्शियल-ट्रांसपोर्ट वाहन का लाइसेंस है, उन्हें बतौर ड्राइवर ड्यूटी पर रखना होगा।