टेक्सटाइल और गारमेंट पर GST कॉउन्सिल की बैठक में 5 से 12 प्रतिशत GST बढ़ाने की दरखास्त का सूरत के व्यापारी विरोध कर रहे है। वे चाहते है की वित्त मंत्रालय के अधिकारी हमारे साथ टेबल पर बैठे और चर्चा करने के बाद कोई निर्णय लें।
GST कॉउन्सिल की बैठक में टेक्सटाइल और गकरमेंट्स पर GST 5 से 12 प्रतिशत बढ़ाने की दरखास्त की गई है। जिससे सूरत और गुजरात के व्यापारी खासा नाराज नजर आ रहे है। फैब्रिक और रेडीमेड गरमेंटिस पर अभी 1000 से कम किमंत वाले गारमेंट पर 5 प्रतिशत GST लगती है जबकि 1000 से अधिक पर 12 प्रतिशत , वहीं सरकार चाह रही है की ये दर 5 से बढ़ कर 12 प्रतिशत कर दी जाए। जिसका सूरत के व्यापारी विरोध कर रहे है।

सूरत के रेडीमेड गारमेंट्स के व्यापारी अरुण नाकीपुरिया ने कहा की, ‘GST की दर बढ़ाने से छोटे दुकानदारों का धंधा पूर्णतः बंद हो जाएग। इसके साथ ही अंडर बिलिंग की समस्या भी सामने आएगी। जिसमे कई व्यापारी अपने माल का सटीक आंकड़ा नहीं बताएँगे। जिससे आगे चल कर बड़े व्यापारियों को भी दिक्कत हो सकती है।’ उनका कहना है की दर बढ़ने का निर्णय नहीं लेना चाहिए।
वहीं फोस्टा के डायरेक्टर रंगनाथ सारदा का कहना है की , ‘इस बात का विरोध मार्केट के सभी व्यापारी कर रहे है। इस हेतु मैं वित्त मंत्रालय के अधिकारी से आग्रह करूँगा की वे हमारे व्यापारियों के साथ टेबल पर चर्चा करें कोई भी निर्णय लेने से पहले।
उन्होंने आगे बताया की , ‘अगर दर बढ़ाने का निर्णय ले लिया गया तो बेरोजगारी भी बढ़ेगी, छोटे व्यपारियो पर सीधा असर पड़ेगा। उपभोक्ता की खरीदने की क्षमता घट जाएगी। हमारी सरकार से यही अनुरोध है की GST की दर को न बढ़ाये अन्यथा ट्रेडर्स पर इसका सीधा असर पड़ेगा।’