रूस यूक्रेन युद्ध से कई उद्योग पर असर पड़ता दिख रहा है साथ ही महंगाई भी बढ़ती नजर आ रही है। पर इसका असर डायमंड उद्योग पर अभी तक नहीं पड़ा है। पिछले साल के इसी महीने की तुलना में फरवरी में कट और पॉलिश किए गए हीरों का निर्यात 18 फीसदी बढ़ा है। वित्त वर्ष 2020-21 में कट और पॉलिश किए गए हीरों का निर्यात 12,615.50 करोड़ रुपये रहा, जो 2021-22 में बढ़कर 14,841.90 करोड़ रुपये हो गया। पिछले 10 महीनों में कट और पॉलिश किए गए हीरों का निर्यात औसतन 40 प्रतिशत की दर से बढ़ा है। हीरा उद्योगपति इसे व्यापार के लिए एक अच्छे संकेत के रूप में देखते हैं। सूरत और देश भर में उत्पादित लगभग 40 प्रतिशत हीरे अमेरिका को निर्यात किए जाते हैं।
दो हफ्ते पहले कटे और पॉलिश किए हीरों की अच्छी मांग थी। युवा ज्वैलरी में फैंसी कट डायमंड पसंद करते हैं। जिससे सूरत के उद्योगपतियों के पास फैंसी कट डायमंड के ऑर्डर ज्यादा हैं। पिछले 10 महीने में बड़े ऑर्डर मिलने से निर्यात बढ़ा है। रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध से हीरा उद्योग में संकट आने की संभावना थी, लेकिन स्थिति फ़िलहाल ठीक है।

वहीं हिरा उद्योगपति नीलेश बोडकी ने बताया कि रूस यूक्रेन युद्ध की वजह से एक्सपोर्ट पर कोई फरक नहीं पड़ा है पर लोगो के मन में युद्ध की वजह से असम्नजस की स्थिति पैदा हो रही है। जिससे लोकल लेन देन में दिक्कत हो रही है। पर एक्सपोर्ट पर इसका देखने को नहीं मिल रहा है। अगर साइकल ऐसे ही चलती रही तो आगे भी उद्योग पर असर नहीं पड़ेगा।
इस प्रकार, कटे और पॉलिश किए गए हीरों के निर्यात में फरवरी में 18 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई। पिछले साल जो 12,615 करोड़ था वह इस साल बढ़कर 14,841 करोड़ हो गया है। रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के बावजूद निर्यात में गिरावट नहीं आई है। और उद्योगपति इसे अच्छी बात बता रहे हैं।