प्रोसेस हाउस एसोसिएशन द्वारा 1 अप्रेल से प्रति मीटर 1 रुपए मूल्यवृद्धि का फरमान जारी किया गया है जिसके बाद SGTTA ने इस फरमान का कड़ा विरोध किया है। SGTTA ने एक मीटिंग में इसी विषय वस्तु पर चर्चा की। इस मीटिंग में प्रोसेस चार्ज की मूल्यवृद्धि को लेकर एक स्वर में सभी बोर्ड मेंबर्स ने जबर्दस्त विरोध दर्ज कराया।
अधिकांश बोर्ड मेंबर्स के द्वारा व्यक्त विचारों से यह बात निकल कर आई कि वर्तमान समय में एसोसिएशन द्वारा किसी भी प्रकार की मूल्यवृद्धि का प्रस्ताव व्यापार के लिए हितकारी नहीं है। हाल ही में कुछ समय पहले भी प्रोसेस चार्ज दो रुपए मीटर तक बढ़ाये जा चुके हैं जो आज तक कायम हैं। साथ ही इस बात का भी जिक्र आया कि पुराने स्टॉक के माल की डिलेवरी पुराने रेट पर की जाए। प्रोग्राम लेते समय मूल्यवृद्धि की बात की जानी चाहिए। इस तरह से एसोसिएशन द्वारा मूल्यवृद्धि की सूचना मीडिया के माध्यम से प्राप्त होती है उससे व्यापारिक माहौल और तालमेल बिगड़ता है।

वर्तमान पोजिशन में मिलों में प्रोग्राम का बहुत अभाव है। व्यापार की स्थति भी बहुत अच्छी नहीं है। रेट बढ़ाने की बात से व्यापार की गतिविधियां प्रभावित होंगी। सुधार की तो कल्पना भी नहीं की जा सकती है। SGTTA बोर्ड चेयरमैन सांवर प्रसाद बुधिया ने इस बारे में बताते हुए कहा कि जिस समय हमने कपड़ा दिया था उस समय का ही भाव रखा जाए। जिसके लिए हमने व्यापारियों से भी बात की है की वो प्रोसेस हाउस से इस बारे रिक्वेस्ट करें और संवाद कर एक नतीजे पर आएं।
पूर्व में भी देखा गया है कि प्रोसेस हाउस और ट्रेडर्स का चोली दामन का साथ रहा है। जब कभी भी किसी मिल में कॉस्टिंग बढ़ती है तो वह अपने व्यापारियों से रेट बढ़ाने की बात करते हैं। आपसी सहमति से रेट्स बढ़ा ली जाती है। ऐसे केस में इस प्रकार से व्यापारिक व्यवहार भी प्रभावित नहीं होता। SGTTA ने प्रोसेस हाउस द्वारा एक अप्रैल से एक रुपए प्रति मीटर की मूल्यवृद्धि का कड़ा विरोध किया है और प्रोसेस हाउस से आग्रह किया है यथास्थिति बनाते हुए व्यापारिक माहौल को अच्छा बनाए रखने में सहयोग दें।