कोरोना काल के बाद से धातु की कीमतें बढ़ रही हैं, और रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के प्रभाव, जो पिछले 21 दिनों से अधिक समय से चल रहे हैं, उससे भी धातु की कीमतों को में इजाफा किया है। जिसका सीधा असर सूरत के व्यापार उद्योग पर पड़ रहा है। धातु की कीमतों में निरंतर वृद्धि का जरी उद्योग पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। जिससे 50% उद्योग बंद हो चूका है।

यूक्रेन और रूस के बीच पिछले 21 दिनों के युद्ध के बाद से सोने-चांदी, तांबे और धागे की कीमतों में तेजी आ रही है। जिसका असर सूरत के धातु से जुड़े तमाम उद्योगों पर पड़ा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी से भी जरी की कीमत में इजाफा हुआ है। अगर उद्योगपति इस बढ़ी हुई कीमत पर कच्चा माल खरीद कर ठीक कर दें और कुछ ही दिनों में कीमत कम हो जाए तो बड़ा नुकसान हो सकता है। इसलिए सूरत के ज्यादातर जरी उद्योगपतियों ने उत्पादन बंद कर दिया है। बीएस कुछ ही इकाइयां कार्यरत है। जो सिर्फ लेबर के घर चल सके इसलिए काम चालू रखा है।
जरी एसोसिएशन के उप प्रमुख बिपिन जरीवाला ने बताया कि, कॉपर में 150 रूपए प्रति किलो की वृद्धि हुई है वहीं चांदी में 9 से 10 हजार की वृद्धि हुई है। साथ ही जरी में उपयोग होने वाली पॉलिएस्टर यार्न, कॉटन यार्न, सिल्क सभी के भाव में वृद्धि हुई है। जिससे जरी उद्योग का टिकना मुश्किल हो गया है। कोरोना की वजह से शादियों का भी सीजन फ्लॉप चला गया जिससे माल अब भी स्टॉक में है और दूसरी तरफ डिमांड भी ना के बराबर है। जिससे नए प्रोडक्शन की जरुरत ही नहीं है। फिर भी लेबर का खर्च देने के लिए हमे थोड़ा बहुत काम जारी रखना पड़ रहा है ताकि इतनी महंगाई में लेबर बेरोजगार न हो जाए।