सूरत शहर को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए सूरत नगर निगम ने इलेक्ट्रिक वाहन नीति की घोषणा की है। जिसमें सूरत नगर निगम को सफलता मिलती दिख रही है। SMC कमिश्नर बंछानिधि पानी ने दावा किया है कि नीति तैयार करने के समय शहर में कुल 1,043 इलेक्ट्रिक वाहनों का पंजीकरण किया गया था, जबकि शहर में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या नीति लागू होने के कुछ महीनों के भीतर 5,600 से अधिक हो गई।
सूरत नगर निगम इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए काम कर रहा है और 20 प्रतिशत प्रति वर्ष की वृद्धि दर के साथ शहर में 2030 तक 11 लाख इलेक्ट्रिक वाहन चलने का अनुमान है। इसके लिए अलग से नीति तैयार की गई है और इस नीति के कई सकारात्मक परिणाम भी आने वाले महीनों में देखने को मिलेंगे। SMC कमिश्नर बंछानिधि पानी ने बताया कि 2019-20 में शहर में 15 कारों समेत इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या महज 147 थी. जब इलेक्ट्रिक वाहन नीति लागू की गई थी तब यह संख्या 1043 थी जबकि वर्तमान संख्या 5631 है। शहर में 300 इलेक्ट्रिक फोर व्हीलर हैं। इलेक्ट्रिक व्हीकल इकोसिस्टम के तहत भी सूरत भारत के 9 शहरों में शामिल है।

वर्तमान में इलेक्ट्रिक वाहन नीति के क्रियान्वयन के प्रथम वर्ष में 100 प्रतिशत, द्वितीय वर्ष में 75 प्रतिशत तथा तृतीय वर्ष में 50 प्रतिशत तथा नीति के क्रियान्वयन के चौथे वर्ष में अंतिम तिथि तक छूट प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। । जबकि नगर निगम द्वारा संचालित पे एंड पार्क साइट पर मुफ्त पार्किंग की सुविधा उपलब्ध है। सरकारी सब्सिडी के अलावा, पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों के साथ, इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री रॉकेट गति से बढ़ रही है।
दूसरी ओर पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों ने भी वाहन चालकों की जेब पर बोझ बढ़ा दिया है। जिससे अब लोग इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने की ओर रुख कर रहे हैं। इतना ही नहीं जो लोग ई-बाइक खरीदना चाहते हैं उन्हें वेटिंग भी करना पद रहा है। ऐसे में शहर में इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वालों की संख्या में अब अच्छी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है।