कोरोना आपदा में सूरत शहर के कई किराणा स्टोर्स, होटल रेस्टोरेंट,इवेंट्स से जुड़ा उद्योग को भारी नुकसान झेलना पड़ा था। पर अब सरकार द्वारा नाईट कर्फ्यू हटाने के साथ साथ कोरोना के कड़क नियमो को भी हटा दिया गया है। जिसके बाद अब इन उद्योगों में वापिस से जान आ गई है। उद्योगकारों का कहना है की कोरोना के कड़क नियमो के ढीले होने से इन सभी उद्योंग में लगभग 30 फीसदी वृद्धि देखने को मिली है।
बता दें कि शहर में 300 से अधिक बड़े और 1000 से अधिक छोटे रेस्तरां हैं। 5,000 मोबाइल फूड कोर्ट और फूड ट्रक भी हैं। प्रतिबंध हटने के बाद से इन सभी व्यवसायों में 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। शहर के सभी रेस्टोरेंट से कोरोना का रोजाना 3 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ। सोमवार से शुक्रवार तक यह अब करीब 3.75 करोड़ रुपये है, जबकि शनिवार-रविवार को कारोबार करीब 7 करोड़ रुपये हुआ। कोरोना काल से पहले सोमवार से शुक्रवार तक करीब 3 से 4 करोड़ का कारोबार होता था जबकि शनि-रवि पर करीब 6 करोड़ का कारोबार होता था।

कैट के गुजरात चैप्टर प्रमुख प्रमोद भगत ने बताया कि कोरोना काल के बाद लोगो ने ऑनलाइन कि जगह ऑफलाइन मीटिंग शुरू कर दिया है। जिससे रेस्टोरेंट में अकोमोडेशन बढ़ गया है साथ ही किराणा उद्योग में भी ज्यादा डिमांड होने के कारण उनके धंधे को भी वेग मिल रहा है। इन उद्योगों में लगभग 30 फीसदी जितनी वृद्धि देखने को मिली है ।
होटल एसोसिएशन के पूर्व प्रमुख सनत रेलिया ने कहा कि, ‘मौजूदा प्रतिबंधों को सरकार ने हटा लिया है। जिससे शहर के होटलों और रेस्टोरेंट में लोगों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है. कोरोना की स्थिति सामान्य हो गई है। कोरोना काल में होटल-रेस्तरां व्यवसाय में इस समय 25 फीसदी की वृद्धि देखने को मिल रही है। आने वाले दिनों में यह कारोबार और बढ़ता रहेगा।

वहीं इवेंट एसोसिएशन के गौरव जरीवाला ने कहा कि फिलहाल शादियों का सीजन लगभग ख़तम ही हो चूका है जिससे प्रतिबंधों को हटाने से भी ज्यादा कुछ फायदा तो फिलहाल नहीं दिख रहा है। मई, जून में शादियों के सीजन में गर्मी के कारण शादियां कम होती है पर इससे थोड़ी राहत तो जरूर मिली है। पेंडिंग शादियां भी मई, जून में होंगी। अब कॉर्पोरेट्स का काम ज्यादा बढ़ेगा मीटिंग्स भी ऑफलाइन होंगे जिससे इवेंट उद्योग में काम बढ़ेगा । कोरोना के दौरान जो नुकसान हुआ है उसमें से 100 से 150 करोड़ की भरपाई होने का अनुमान है। साथ ही अगर ऐसा ही चलता रहा तो पिछेल दो साल की भरपाई नवंबर और दिसंबर के महीने में हो जाएगी।